बुधवार, 13 मार्च 2013

गणेश नर्सिंग होम में गलत आपरेशन से महिला की मौत

सागर। शुक्रवारी निवासी कैलाश चौबे ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन में बताया है कि उनकी पत्नी सरोज चौबे उम्र 40 वर्ष को पेट में दर्द की शिकायत हुई थी। जिसको लेकर 17 फरवरी को उन्होंने सदर स्थित गणेश नर्सिंगहोम में भर्ती कराया था। अस्पताल के डॉ. संजीव मुखारिया ने उनकी पत्नी की जांच के उपरांत बताया कि उनके पेट में पथरी है जिसका आपरेशन करना होगा।

डॉ. मुखारिया ने उनकी पत्नी का आपरेशन किया। आपरेशन के बाद भी उनकी पत्नी का पेट का दर्द कम नहीं हुआ। आठ दिन गुजर जाने के बाद कैलाश चौबे ने पुन: डॉ. मुखारिया को बताया। तो डॉ. मुखारिया ने आठ दिन बाद दूसरा आपरेशन कर दिया। 23 दिन गुजर जाने के बाद भी उनकी पत्नी सरोज चौबे की तबियत ठीक नहीं हुई बल्कि दिन पर दिन तबियत बिगड़ती गई। सरोज चौबे के शरीर पर सूजन आ गई, तेज श्वांस चलने लगी। कमजोरी और बातचीत करने में असमर्थ हो गर्इं। 9 मार्च तक सरोज चौबे गणेश नर्सिंगहोम में भर्तीर रहीं।

 इस दौरान डॉ. संजीव मुखारिया अस्पताल से कहीं बाहर चले गए। इसके बाद जब डॉ. मुखारिया अस्पताल आए तो कैलाश चौबे ने डॉक्टर से आग्रह किया कि उनकी पत्नी को जरा भी आराम नहीं है। तो डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया और 9 मार्च को कैलाश चौबे पत्नी को लेकर जिला चिकित्सालय ले गए जहां पर डॉक्टर मिथलेश चौबे ने जांच के उपरांत भोपाल रैफर कर दिया।

भोपाल में हुई मौत

कैलाश चौबे ने बताया कि जब वे अपनी पत्नी को भोपाल मेमोरियल अस्पताल ले गए तो उनकी पत्नी की तबियत काफी खराब हो चुकी थी। 10 मार्च को भोपाल में मेमोरियल हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों ने दबी जुवान में कहा कि आपकी पत्नी का आपरेशन सही नहीं हुआ है। पूरे शरीर में जहर फैल गया है। जो कुछ ही घंटों की मेहमान हैं। 11 मार्च को सरोज चौबे की भोपाल में मौत हो गई। कैलाश चौबे पत्नी का शव लेकर सागर आए और पत्नी का दाह संस्कार कर दिया।

अस्पताल पर हो कार्रवाई

मृतिका के परिजनों ने सदर स्थित गणेश नर्सिंगहोम पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि डॉ. संजीव मुखारिया ने पेट में पथरी होने का कहकर आपरेशन किया था जिसके इलाज में करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हो गया डॉ. संजीव मुखारिया के लापरवाही पूर्वक इलाज व आपरेशन के परिणाम स्वरूप उनकी पत्नी की मृत्यु हुई है। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक अभय सिंह को आवेदन देकर डॉक्टर के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। मृतिका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पथरी का आपरेशन हुआ था लेकिन डॉक्टर ने मृतिका के पेट में बड़ा चीरा लगाया है। जिससे मामला संदिग्ध लग रहा है।

अस्पताल से काजगात गायब

मृतिका के परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जैसे ही सरोज चौबे की हालत गंभीर होने लगी थी अस्पताल प्रबंधन भी सख्ते में आ गया और कार्रवाई से बचने के लिए इलाज से संबंधित सारे कागजात गायब कर दिए गए। जब परिजनों ने गणेश नर्सिंगहोम अस्पताल जाकर मृतिका के इलाज से संबंधित कागजात मांगे तो उन्होंने देने से मना कर दिया। पूरे मामले की लीपा-पोती करने के लिए अस्पताल प्रबंधन लगा हुआ है।

डॉक्टर ने दी सफाई

इस मामले में डॉ. संजीव मुखारिया का कहना है कि उन्होंने दो बार आपरेशन नहीं किया है। एक बार जब आपरेशन हुआ था तो टांके खुल गए थे। जिसके बाद दुबारा से टांके डाले गए थे। हमारे यहां महिला को किसी प्रकार रिएक्शन नहीं था, महिला को उल्टी की शिकायत थी। उसके पेट में पित्त की थैली में पथरी की शिकायत थी जिसका आपरेशन किया गया था। हमने उन्हें अस्पताल से नहीं निकाला परिजन स्वयं ही ले गए थे।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

शुक्रवारी निवासी कैलाश चौबे व उनके परिजनों ने हमारे पास आकर सदर स्थित गणेश नर्सिंगहोम अस्पताल प्रबंधन एवं डॉ. संजीव मुखारिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रथम दृष्टया हम मामले की उचित जांच करवाएंगे जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभय सिंह, पुलिस अधीक्षक सागर

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