रविवार, 10 मार्च 2013

शिव की भक्ति में डूबा नगर: महाशिवरात्रि पर गूंजे बम-बम भोले के जयकारे

 सागर। भगवान भोले शंकर के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि नगर के शिवालयों में धूमधाम से श्रद्धापूर्वक मनाया गया। शिवालयों में अभिषेक पूजन, भजन कीर्तन के कार्यक्रम हुए। विभिन्न स्थानों से भगवान शंकर की बारात निकाली गई। वैसे तो नगर के सभी शिव मंदिरों में दिन भर श्रद्धालुओं का दर्शनों के लिए तांता लगा रहा लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ भूतेश्वर मंदिर एवं बहेरिया स्थित शिवशक्तिधाम में रही। यहां रात्रि से लेकर दिन भर श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी रहीं।

भूतेश्वर मंदिर नगर के प्रमुख भूतेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि में भगवान को तेल एवं हल्दी चढ़ाई गई तत्पश्चात भक्तों को भी हल्दी लगाई गई। सुबह साढ़े तीन बजे से भगवान शिव का अभिषेक कार्यक्रम शुरू हुआ। अभिषेक सुबह साढ़े चार बजे तक चला। 


श्रद्धालुओं ने दूध, दही, घी, शहद, गन्ना रस से भगवान का अभिषेक किया। इसके पश्चात दिव्य आरती हुई जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। दोपहर एक बजे भगवान को भोग लगाया गया। शाम को भगवान का आकर्षक श्रृंगार कर महाआरती हुई। कांच मंदिर से भगवान शंकर की बारात निकाली गई जो रात्रि में भूतेश्वर मंदिर पहुंची जहां भगवान शिव का पूरे रीति रिवाज से विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ।


बहेरिया स्थित शिवशक्तिधाम में सुबह से लगातार हजारोे की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहा। यहां बड़ी संख्या में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए भारी वाहनों के मार्ग को परिवर्तित करना पड़ा। शिवशक्ति धाम में सुबह 6 बजे भगवान शंकर का अभिषेक किया गया। 9 बजे हवन पूजन का कार्यक्रम हुआ। दोपहर में भगवान शंकर की बारात धूमधाम से निकाली गई।  इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

श्री देव मार्कण्डेश्वर मंदिर पुरानी गल्ला मंडी से दोपहर में भगवान शंकर की बारात निकाली गई। बारात में घोड़ा, नंदी, के अलावा भूत प्रेत की वेशभूषा में श्रद्धालू शामिल थे। बारात नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई नागेश्वर मंदिर पहुंची जहां पूरे रीति रिवाज के साथ भगवान शंकर का विवाह संपन्न कराया गया।

धनेश्वर मंदिर बड़ा बाजार में सुबह चार बजे भगवान शंकर का हल्दी एवं तेल से उबटन किया गया। तत्पश्चात पंचामृत से रूद्राभिषेक किया गया। भगवान के दर्शनों के लिए यहां भी श्रद्धालु घंटों कतार में लगे रहे। सुबह सहस्त्रधारा से भगवान शिव का अभिषेक हुआ। शाम को धनेश्वर बाबा का श्रृंगार किया गया। प्रसाद वितरण एवं महाआरती का भी आयोजन किया गया।

अदभुत रही भोले बाबा की बारात: पूरे नगर में पुष्पों की वर्षा हुई बारातियों पर


खुरई।  महाशिवरात्रि के दिन सुबह से श्रृद्धालूओं ने शिवजी के मंदिरों में जयकारों की गर्जना प्रारंभ कर दी। सुबह से ही शिवमंदिरों में श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान शिव का श्रृगांर कर उन्हें दूल्हा बनाया गया। भूतेश्वर मंदिर और नगर पालिका के पास स्थित अर्धनारीश्वर मंदिर के साथ सभी मंदिरों में हजारों श्रृद्धालू दर्शनों के लिए आने लगे थे। महाशिवरात्रि के पर्व पर खुरई में आदिदेव शिवजी की महाबारात बड़े ही धूमधाम से निकाली गई बारात मे हजारों बाराती शामिल हुए। बारात लगभग एक किलोमीटर लंबी थी। 

बारात भूतेष्वर मंदिर से प्रारंभ हुई और नगर के प्रमुख मार्गों पर होती हुई पुन: वहीं पहुंची। इस बार दर्शनार्थियों और श्रृद्धालुओं ने बारात का जगह जगह अदभुत स्वागत किया। पूरे शहर में बारातियों पर पुष्पों की वर्षा की गई। कई बार तो ऐंसा प्रतीत होता था मानों पुष्प वर्षा वास्तव में स्वर्ग से ही हो रही हो। पुष्पों की वर्षा से सड़कें फूल मय हो गई।

बारात के स्वागत के लिए लोगों ने अपने अपने प्रष्ठिानों के सामने विजय और तोरण द्वार लगा रखे थे कईयों ने तो झाकियां लगाकर स्वागत किया। शर्मा वार्ड वासियों ने तो शिवबारात की झांकी बनाकर भव्य स्वागत किया। पूरा शहर तोरणद्वारों से दुलहन की तरह सजा नजर आ रहा था।  भूतेश्वर मंदिर पहुंचने के बाद सभी बारातियों का एक बार फिर स्वागत हुआ और विवाह की तैयारियां प्रारंभ हो गई जहां सभी रीतिरिवाजों के अनुसार मंत्रोच्चारणों के बीच शिव पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। विवाह के समय पूरा वातावरण पारलोकिक लग रहा था सभी श्रृद्धालू ऐसा महसूस कर रहे थे मानों स्वर्ग से सभी देवी देवता इस विवाह को देख रहे हों।

भक्तो ने शिव का किया अभिषेक

राहतगढ़। नगर एवं क्षेत्र में महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव पार्वती का विवाह धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ हुआ। शिव मंदिरो पर श्रद्धालुओ का मेला लगा रहा। नगर के प्राचीन शिवालय मंदिर बनैनीघाट पर सुबह से ही भक्तो की भीड़ रही। श्रद्धांलुओ ने भगवान शिव का पंचामृत, फल, फूल, नैवेध, इत्र, प्रसाद, बेर, धतूरा, बेलपत्र, गेहू की बाल एवं जल अर्पित कर अभिषेक किया एवं महाआरती की गई तथा शाम को शिवालय मंदिर से गाजेबाजे एवं डीजे के साथ भगवान भोले की बारात नगर के मुख्य मार्गो से होकर चौपडा कुआं स्थित गौरीशंकर मंदिर पहुंची। जहां शिव पार्वती का विवाह गोधुलि बेला में धूमधाम से संपन्न हुआ।  शिव बारात का नगर परिसद अध्यक्ष उमापप्पू तिवारी एवं जगह -जगह नगरवासियो द्वारा स्वागत किया गया एवं शिव पार्वती की आरती उतारी। बारात में नगर एवं क्षेत्र के बडी   संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। बही नगर के श्री राधव जी मंदिर, श्यामलिया मंदिर, बिहारी जी मंदिर में भी भक्तो द्वारा भजन कीर्तन किए गए।

जरूआखेड़ा मे निकली भोले की बारात

शिवरात्रि के पावन पर्व पर भोले बाबा की बारात जरूआखेड़ा ग्राम में धूमधाम से निकाली गई। भगवान शिव की बारात मंदिर बाजार से निकली और नगर भ्रमण करती हुई ग्राम मूढ़रा पहुंची जहां पर ग्रामवासियों ने स्वागत किया। बारात के साथ भांग पीकर भक्त झूमते देखे गए। श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए। जगह-जगह बारात का स्वागत किया गया। इसी अवसर पर हरिओम गौ शाला हाथी डाबर में भगवान शंकर की स्थापना की गई और उनका अभिषेक किया गया। गौशाला प्रबंधक नीलेश चौबे ने गाजे-बाजे के साथ स्थापना कराई। वहीं क्षेत्र के ठाकुर बाबा मंदिर पर भी भोलेशंकर का अभिषेक किया गया। सुबह से ही लोग सिद्ध क्षेत्र पर पहुंचे। इसको लेकर मंदिर समिति ने भी व्यवस्थाएं की थी। मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया थ। शिवजी की बारात में देवेन्द्र ठाकुर, संदीप चौबे, आनंद चौबे, माधव यादव, ब्रजपाठक, जितेन्द्र चौबे, हलकई, चिंटू, हरिशंकर, चित्तर सिंह, राजा ठाकुर, राकेश यादव, गोविंद चौबे आदि शामिल थे।

गौरझामर में गूंजा हरहर महादेव


गौरझामर में भी भक्तों ने महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की। माता पार्वती और भगवान शिव के शुभ विवाह के अवसर पर ग्राम के फूलवाग मैदान में विगत तीन दिन पहले से ही तैयारियां शुरु हो गर्इं थी। विवाह की रस्में मंडप, हल्दी तेल आदि संस्कार पूर्ण विधि विधान के साथ शिव पार्वती का विवाह संपन्न कराया गया। भोले की बारात में गांव के सभी उपस्थित थे। बारात फूलबाग मैदान से गांधी चौक, इतवारा बाजार, न्यू मार्केट से होती हुई मैन रोड पहुंची जहां बारातियों का स्वागत किया गया। वहीं क्षेत्र के बरकोटी गांव में भी प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महा मतंगेश्वर के मंदिर में मेला लगाया गया। मंदिर के पुजारी वृंदावन शास्त्री ने बताया कि भारतीय ज्योतिष के मुताबिक की महाशिवरात्रि और एक दिन बाद अमावश्या होने से दोनों ही दिन शिव आराधना के लिए श्रेष्ठ हैं। भोले की बारात में बबलू पटेल, शिवनारायण सोनी, संतोष शर्मा, मेहरवान सिंह लोधी, रामस्वरूप शर्मा, अशोक सोनी, छोटे विश्वकर्मा, मुन्ना आदि शामिल थे।

रहली: शिवालयों में उमडा आस्था का सैलाब


रहली। हमारे सनातन धर्म में त्यौहार हमारी संस्कृति के परिचायक होते हैं और त्यौहार के उत्साह की चहल पहल देखकर अंदाजा लगाना आसान हो जाता है कि आज कोई त्यौहार है। कुछ इसी तरह का नजारा नगर में महाशिवरात्रि के पावन पुनीत पर्व पर देखने को मिला, जहां पर नगर के शिवालयों में प्रात: काल से की भक्तों की भीड उमडना शुरू हो गई और शिव मंदिरों में धतूरा, विल्व पत्र, अकौआ, पिसी की बाल, बेर, चना, आम की मौर चढाए और कई जगह भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। वहीं कई महिलाओं और पुरुषों द्वारा उपवास भी किए गए। रामेश्वर धाम, सूर्य मंदिर वाला शिवालय, सुभाष चैक स्थित राधाकृष्ण मंदिर शिवालय, गनेश घाट स्थित बल्लभेश्वर शिवालय तथा नगर के कई शिवालयों में भक्तों की भारी भीड रही।  इस पुनीत पावन पर्व पर पूरे विधि विधान से गनेश घाट स्थित बल्लभेश्वर मंदिर से शिवजी की बारात निकाली गई जो बस स्टैंड, बजरिया, अटा रोड, रामेश्वर धाम होते हुए सुभाष चैक सुभाष चैक स्थित राधाकृष्ण मंदिर शिवालय पर आकर रुकी। इसमें भूत-पलीत का रुप रखे बाराती चल रहे थे और इसमें भारी संख्या में भक्तगण शामिल रहे। वहीं रामेश्वर धाम से भी शिवजी की बारात निकाली गई जो कि सुरई घाट स्थित राज राजेश्वरी मंदिर तक आई। वहीं राज राजेश्वरी मंदिर में भजन संध्या का आयोजन भी रखा गया है। इसके साथ ही साथ नगर के कई शिवालयों में रात्रि के समय कई धार्मिक आयोजन भी किए गए।


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