योगेश सोनी/रहली। पिछले 48 घंटो से लगातार बारिस के चलते सुनार नदी सहित आसपास की सभी नदिया उफान पर है इसके साथ ही सतधारा ,चैरई नदियों के भी पुल के उपर से पानी बह रहा है रहली टापू बनकर रह गई है यहां से जाने के लिये सभी मार्ग बंद हो चुके है।
यहां तक कि जामुन का पेड गिरने से घायल मरी जिन्हे जिला अस्पताल रिफर कर दिया था वह भी लौट आई है और मरीज चिकित्सा से वंचित हो चुके हैं बस स्टेण्ड रहली में यात्रियों का जमावडा लगा है पिछले 24 घंटे से यात्री परेशान हैं। सुशील जैन को अपनी बेटी को लेने भोपाल जाना था पर नही जा सके उनका रेल में किया गया आरक्षण समाप्त हो जायेगा तो आशीष ठाकुर को दवायें लेने जबलपुर जाना थां मरीज को देने पर उफनती नदी ने वाहनों के पहिये जाम कर रखे है।
वहीं सुनार नदी में बाढ ने पिछले 10 सालों रिकार्ड तोड दिया है वाढ़ का पानी नदी किनारे रहवासी क्षेत्रों में घुस आया है और लगातार बढता ही जा रहा है। जिससे लोगों को अपने घरों से सामान निकालना पढा। नदी किनारे रहने वाले घरों में देर रात ही पानी पहुच चुका था। नगरपालिका अध्यक्ष सौरभ हजारी के अनुसार नगर पालिका द्वारा वाढ ग्रस्त लोगों के लिये सामान रखने दो शासकीय भवनों की व्यवस्था की गई उन्होने बाढ के दौरान नदी किनारे प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने के आरोन लगाये है।
प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा बाढ प्रबंधन में पूरी लापरवाही बरती जा रही है सुनार का पानी जहां बढता ही जा रहा है वही नाढ के पानी में लोग बहती हुई लकडिया बीनने पानी में तैर रहै है छोटे छोटै बच्चे पानी में घुसकर फोटो निकलवा रहै है और पुलिस के कर्मचारी समीप ही खडे रहकर मजा ले रहै है। आपको बता दे कि सुनार नदी में लगभग हर साल वाढ के पानी में डूबने से मौते होती है पर कोई ठोस कदम नही उठाये सुरक्षा के लिये कोई इंतजाम नही किये गये है। ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता है तो कोन जिम्मेदार है।
लगता है प्रशासन को फिर किसी की मौत का इंतजार है।
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