सागर। विधायक शैलेन्द्र जैन द्वारा मप्र विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से शासकीय स्कूलों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों के वेतनमान में विसंगति संबंधी प्रश्न उठाते हुए मांग की कि शासकीय स्कूलों में पदस्थ अतिथि शिक्षक जो कि शिक्षक वर्ग-1, 2, 3 के अनुरूप ही शिक्षण कार्य करते हैं और उनसे और भी अन्य कार्य शिक्षा के क्षेत्र में लिए जाते हैं परंतु वेतनमान के रूप में उन्हें उक्त शिक्षकों के वेतन के आधे वेतन के बराबर ही वेतनमान दिया जाता है जो कि मानवीय आधार पर ठीक नहीं है।
मानवीय दृष्टिकोण को अपनाते हुए यदि इन अतिथि शिक्षकों का वेतनमान बढ़ाकर संविदा शिक्षकों के वेतनमान के बराबर कर दिया जायेगा तो इन अतिथि शिक्षकों के परिवार का भरण पोषण ठीक तरह से होने लगेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में अनेकों अतिथि शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं जो कि नियमित शिक्षकों के आभाव में अपना कार्य पूरी ईमानदारी और तत्परता से कार्य करते हैं चूंकि अतिथि शिक्षक, शिक्षक वर्ग-1, 2, 3 के खाली पदों के विरूद्ध नियुक्त किए जाते हैं अत: उन्हें उसी पद के अनुरूप समान वेतनमान दिये जाने की पुरजोर मांग उठाई चूंकि शिक्षक देश के भविष्य का निर्माता होता है और हमें छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को भी आगे आने का अवसर प्रदान करना होगा।
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