गुरुवार, 14 मार्च 2013

भोपाल में अरेस्ट डॉ शुभम को रिमांड पर लेगी सागर पुलिस

सागर। भोपाल पुलिस द्वारा ठगी के आरोप में पकड़े गए बिहार निवासी डॉ. शुभम का क्षेत्र में कैसा नेटवर्क फैला था। हालही में रेलवे में नौकरी के नाम पर हुई धोखाधड़ी और कई अन्य ऐसे मामले सामने आए हैं जिससे लगता है कि रेलवे में नौकरी के लगाने के नाम पर ठगी का रैकिट बेधड़क चल रहा था। विगत दिनों बीना में भी एक व्यक्ति के साथ 12 लाख की ठगी का मामना सामने आया है।

इसके साथ-साथ मकरोनियां से पकड़े गए नकली टीसी आदि इन सभी मामलों में इनके तार डॉ. शुभम से जुड़े हो सकते हैं। इसका खुलासा 19 मार्च को सागर पुलिस द्वारा डॉ. शुभम ली जा रही रिमांड के बाद ही होगा। गौरतलब है कि छह माह पहले बीना की रिचा तिवारी और उसकी मां प्रमिला तिवारी के तार रेलवे में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले रैकिट से जुड़े होने का खुलासा होने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। जिसमें से डॉ. शुभम तो पुलिस की गिरफ्त मे आ गया लेकिन रिचा तिवारी और उसकी मां अब भी फरार हैं। भोपाल पुलिस डॉ. शुभम को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

बीना में एक और ठगी का मामला

बीना। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में सागर पुलिस के हाथों फरार हुआ आरोपी बिहार का डॉ.शुभमसिंह भोपाल में धरा गया। डॉ.शुभम एक मानव अधिकार संबंधी एनजीओ का संचालक बताया जाता है। बीना में फर्जी मानव अधिकार संबंधी कई संगठन रातों रात पैदा हो चुके हैं कई लोग अपने वाहनों पर प्रदेश पदाधिकारी का बोर्ड लगाकर मानव अधिकार के नाम पर ठगी कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर बीना पुलिस की कोई निगाह नहीं है। डॉ.शुभम सिंह के सागर, दमोह, छतपरपुर जिले में ठगी के रैकेट चलाए जाने के खुलासे होने के बाद बीना में हालही में रेलवे में नौकरी लगवाने वाले एक और ठग हरिशंकर प्रजापति का नाम सामने आया है। पुलिस यदि गंभीरता से जांच करे तो उक्त ठग के डॉ.शुभम सिंह के रेकेट से जुड़ा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकेगा। उकत ठग के बीना में भी तार उजागर किए जा सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसा झांगर बमुरिया मुंगावली जिला अशोक नगर के निवासी एक युवक द्वारा बीना थाने में शिकायत की है जिसमें रेल्वे नौकरी के नाम पर   पैसे ऐंठने का आरोप लगाया है। अमरजीत सिंह पिता सौदागर सिख ने पुलिस में अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि वर्ष 2011 में हरिशंकर उर्फ बंटू पिता सुखलाल प्रजापति मढ़िया वार्ड निवासी जो नरखेड़ा ग्राम में देवेन्द्रसिंह के घर आता जाता रहता था। वहीं हरिशंकर की उससे पहचान हुई जहां देवेन्द्रसिंह ने किसी व्यक्ति की रेलवे में नौकरी लगवाने की बात कही। इसके बाद मलकीतसिंह की नौकरी रेलवे में टीटी बनाने एक लाख रुपए और यशवंत बेरखेड़ी को एसआई की नौकरी के लिए पांच लाख रुपए दिए थे। साथ ही बहू गुरमीत कौर की रेल्वे में नौकरी लगवाने 15 दिन बाद एक लाख रुपए और दिए। लड़का परमजीत ने एसआई की नौकरी के लिए पांच लाख रुपए दिए थे। केवल 12 लाख रुपए हरिशंकर को नौकरी लगवाने के लिए दिए थे। लेकिन अभी तक कोई नौकरी नहीं लगी और न ही पैसे वापिस मिले। फरियादी ने इस धोखे धड़ी करने के मामले की शिकायत बहादुर थाने में की थी।

फर्जी टीसी का संबंध डॉक्टर से तो नहीं

दो माह पहले मकरोनियां से रेलवे की टिकट चैक कर रहे फर्जी टीसी को आरपीएफ पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा था। जिनके पास से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए थे। इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि इनके तार भी तो डॉ. शुभम से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस ने पांच फर्जी टीसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

इनका कहना है
19 मार्च के बाद डॉ. शुभम को सागर पुलिस रिमांड पर लेगी पूछताछ के बाद कार्रवाई होगी। डॉ. शुभम से बीना में हुई 12 लाख की ठगी और नकली टीसी के मामले में भी पूछताछ करेंगे।
प्रमोद सोनकर, सीएसपी  सागर।

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